जन औषधि सप्ताह (1-7 मार्च तक) पूरे देश में 6200 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से मनाया जा रहा है। जनौषधि केंद्रों के मालिक स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन कर रहे हैं। आज चौथे दिन ‘सुविधा से सम्मान’ विषय के साथ देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर जन औषधि केंद्रों, बीपीपीआई पदाधिकारियों और अन्य हितधारकों ने इन गतिविधियों में भाग लिया और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता पैड के उपयोग के बारे में शिक्षित करने के लिए शिविरों की मेजबानी की। प्रधानमंत्री भारतीय जनौषधि परियोजना के तहत आज लगभग 2000 स्थानों पर सुविधा सेनेटरी नैपकिन के नि: शुल्क वितरण के लिए शिविरों का आयोजन किया और महिलाओं को 50,000 से अधिक सुविधा सेनेटरी नैपकिन पैकेटों का मुफ्त वितरण किया गया।
संशोधित दरों के साथ सुविधा सेनिटरी नैपकिन का शुभांरभ शुरूआत रसायन एवं उर्वरक मंत्री, श्री डी.वी.सदानंद गौड़ा एवं जहाजरानी (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्री मनसुख मंडाविया द्वारा किया गया था। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों ने अपनी स्थापना से लेकर 2 मार्च, 2020 तक 2.91 करोड़ से अधिक पैड बेचे हैं। मूल्यों में संशोधन के बाद 2 मार्च, 2020 तक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों द्वारा 1.73 करोड पैड बेचे गये हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग की एक अच्छी पहल है जो अब जनता को किफायती मूल्य पर गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध करा रही है। वर्तमान में इन केंद्रों की संख्या बढ़कर 6200 से अधिक हो गई है और आज 700 जिले इस योजना में शामिल हैं। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2019-20 (फरवरी 2020 तक) में कुल बिक्री 383 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जिससे आम नागरिकों की कुल बचत लगभग 2,200 करोड़ रुपये हो गई क्योंकि ये दवाएं औसत बाजार मूल्य के मुकाबले 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं। यह योजना स्थायी और नियमित आमदनी के साथ स्वरोजगार के अच्छे स्रोत उपलब्ध करा रही है।