जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर से जनसुरक्षा कानून पीएसए हटा लिया गया है अब्दुल्ला बीते साल 4 अगस्त की रात से ही नजरबंद थे 5 अगस्त 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के अधिकतर प्रावधान रद्द करने संबंधी विधेयक राज्यसभा में पेश किये गए थे अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी इस पर 18 मार्च को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिए अन्यथा हम इस मामले की गुणदोष के आधार पर सुनवाई करेंगे जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा था कि अगर अब्दुल्ला को शीघ्र रिहा नहीं किया गया तो वह इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेंगे
इसी दौरान उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला को 4 अगस्त 2019 की रात को नजरबंद किया गया था अगले ही दिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा लिया गया था 15 सितंबर से उन्हें जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया था उनकी हिरासत अवधि तीन.तीन महीने बढ़ाने के आदेश तीन बार जारी हुए पिछला आदेश 11 मार्च को ही जारी हुआ था बीते दिनों सरकार ने इसे भी वापस ले लिया और वह भी रिहा किये गये
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यानी 5 अगस्त को उमर अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। कुछ दिनों में एक बॉन्ड पर सिग्नेचर कराकर कई नेताओं को रिहा किया गया था । यह बॉन्ड 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी थी। इससे पहले उनके पिता फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म की गई थी।जम्मू.कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत को खत्म करने का फैसला किया गया है। मंगलवार को राज्य सरकार ने उमर अब्दुल्ला की रिहाई का आदेश जारी किया है। इस मामले में उमर की बहन सारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इससे पहले उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया गया था। जम्मू.कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने से यानी 5 अगस्त से उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था। उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट ;पीएसएद्ध भी लगाया था। उमर पर आरोप था कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था।
पूर्व सीएम नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला आईएएस से राजनेता बने शाह फैसल पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता अली मोहम्मद सागर और पीडीपी नेता सरताज मदनी पर पीएसए लगाया गया था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यानी 5 अगस्त को उमर अब्दुल्ला महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। कुछ दिनों में एक बॉन्ड पर सिग्नेचर कराकर कई नेताओं को रिहा किया गया था । यह बॉन्ड 370 के खिलाफ प्रदर्शन न करने की गारंटी थी।सरकार के बॉन्ड पर सिग्नेचर करने से फारूक उमर महबूबा समेत 6 नेताओं ने मना कर दिया था। इसके बाद इन पर पीएसए लगाया गया था। इसके साथ ही उमर और महबूबा को उनके घर पर शिफ्ट करके नजरबंद कर दिया गया था।कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी खत्म हुई थी । फारूक अब्दुल्ला ने नजरबंदी खत्म होने के बाद अपने घर पर लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था जनता और उन नेताओं का बहुत शुक्रिया करता हूं जिन्होंने हमारी आजादी के लिए आवाज उठाई मैं आजाद हुआ मैं आजाद हुआ लेकिन मेरी आजादी तब पूरी होगी जब उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत सभी नेताओं की रिहाई होगी।