कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा राजकीय बाल गृह (बालिका), कानपुर नगर की बालिकाओं के गर्भाधारण सम्बन्धी संवेदनशील विषय पर बिना तथ्यों की जानकारी किये गैर जिम्मेदाराना तरीके से बयान दिया गया है, जो बालिका गृह की बालिकाओं की अस्मिता को ठेस पहुचांने वाला है। मै सुषमा सिंह, उपाध्यक्ष -उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग एवं सदस्य पूनम कपूर(कानपुर), निर्मला दीक्षित ( आगरा),प्रभा गुप्ता (झांसी् ) श्रीमती प्रियंका के इस वक्तव्य की कडे़ शब्दो में निंदा करती हूॅ।उत्तर प्रदेश बाल आयोग और उ.प्र. राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती पूनम कपूर एवं उपाध्यक्ष सुषमा सिंह द्वारा इस विषय का स्वतः संज्ञान लेकर जनपदीय अधिकारियों से निरन्तर वार्ता कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त किये जाने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किये जा रहे है।
जिला प्रशासन कानपुर नगर द्वारा निरन्तर प्रकरण से सम्बन्धित जानकारी दी जा रही है, जिसमें स्पष्ट किया गया है गृह की सभी गर्भवती बालिकाएं गृह में प्रवेश के समय गर्भवती थी।
उनके वक्तव्य में इस घटना को पूर्व में घटित अन्य घटनाओं के साथ जोड़कर प्रस्तुत किया गया है। यह वक्तव्य पूर्णतयाः भ्रामक एवं लक्ष्यविहीन है व सुनियोजित तरीके से बालिकाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कुत्सित प्रयास है, जिससें जनसामान्य में बहुत ही गलत संदेश गया है।श्रीमती प्रियंका द्वारा वास्तविकता को नकारते हुए जिला प्रशासन पर निराधार आरोप लगाया गया है जो कि निन्दनीय है। वस्तुस्थिति यह है कि उन्हें बालिका गृह में निरूद्ध उक्त कोरोना पीडि़त बालिकाओं/गर्भवती बालिकाओं के उपचार हेतु शासन प्रशासन द्वारा किये जा रहे सकारात्मक प्रयासों का समर्थन करते हुए जन हित में उक्त दिये गये वक्तव्य का खंडन करना चाहिए.