वर्चुअल माध्यम से हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ईपीसीएच ने मनाया छठां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
योग से बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता जो कोविड से जंग में बनाती है मजबूत
नई दिल्ली. 22 जून 2020 हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ईपीसीएच ने फिटनेस एंड स्पोर्ट्स कमेटी एफएससीओ फास्को का गठन किया जिससे विभिन्न स्वास्थ्य कैंपए योग क्नवेंनशन्सए खेल और आउटडोर गतिविधियों का आयोजन किया जा सके और इनके माध्यम से परिषद के सदस्यों को शारीरिक तौर पर स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखा जाय। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का छठां संस्करण ईपीसीएच और फास्को द्वारा मनाया गया।
ईपीसीएच के महानिदेशक कुमार ने बताया कि इस साल कोविड महामारी की वजह से सामान्य सार्वजनिक स्थलों पर योगअभ्यास संभव नहीं था पर ईपीसीएच और फास्को ने योग दिवस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन कर एक बार फिर साबित कर दिया है कि ष्जहां चाह है वहां राह है ईपीसीएच के महानिदेशक कुमार ने अपनी बात का विस्तार करते हुए कहा कि योग से शरीर मन और आत्मा पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके जरिए शारीरिक और मानसिक अनुशासन प्राप्त कर शांत शरीर और शांत मस्तिष्क के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। योग से जहां तनाव पर काबू पाया जा सकता है वहीं योग आपको शांत रखता है। कोविड महामारी के समय में योग का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि योग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और जिसकी इम्यूनिटी मजबूत होती है उसे कोरोना होने का खतरा बहुत हद तक खत्म हो जाता है।
इस अवसर पर विकास आयुक्त हस्तशिल्प शांतमनु ने मुख्य अतिथि के तौर पर आयोजन में हिस्सा लिया। इसी आयोजन में ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के पासी फास्को के कोआर्डिनेटर प्रिंस मलिक राजकुमार मल्होत्रा ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा और ईपीसीएच के कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के सदस्यों ने भी शिरकत की। वर्चुअल योग सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए शांतमनु ने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते इस बार हम योग अभ्यास खुली जगहों में सार्वजनिक और सामूहिक तौर पर नहीं कर पाए पर इस संकट ने हमें अवसर दिया है कि हम अपने घरों के अंदर और परिवार के साथ योग कर सकें। उन्होंने ये भी कहा कि गीता में योग के बारे में विस्तार से वर्णन है। योग
सिर्फ आसन नहीं बल्कि कौशल है। योग के वास्तविक लाभ लेने के लिए सभी को लंबे समय तक नियमित रुप से श्रद्धा सम्मान और आदरभाव से योग करना चाहिए।इस आयोजन के दौरान एक योगाभ्यास सत्र भी आयोजित हुआ। इस सत्र में पैनलिस्ट के रुप में आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर फैकल्टी सुश्री अरुणिमा सिन्हा विशवा आयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय सचिव और ब्लिस आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड एंड हेल्थ विलेजए ग्रेटर नोयडा के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नितिन अग्रवालए एमडी साइकैट्री डॉक्टर इरा दत्ता हठ योग विशेषज्ञ मोहित दहिया और 200 अन्य प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर डॉक्टर अरुणिमा सिन्हा ने बताया कि आसन और प्राणायाम स्वस्थ मस्तिष्ककोस्वस्थरखने में अहम भूमिका निभाते हैं और सभी को इन्हें नियमित रुप से करना चाहिए। खासकर कोविड महामारी के संकट काल में जब ये बीमारी बड़े पैमाने पर लोगों को अपना शिकार बना रही हो तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग और मन मस्तिष्क शरीर और आत्मा के ही संतुलन के विषय में भी बात की।
विशवाआयुर्वेद परिषद के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर नितिन अग्रवाल ने इस आयोजन में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वो योग दिवस को स्वास्थ्य का दिवस कहना चाहते हैं। उन्होंने अपने बात को विस्तार देते हुए कहा कि आयुर्वेद सभी को स्वस्थ रखने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने भरोसा जताया कि बहुत ही जल्द आर्युवेद में ही कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा सामने आने वाली है। उन्होंने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे भी बताए और कहा कि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गिलोय और अश्वगंधा जैसी जड़ीबूटियों का नियमित सेवन किया जाना चाहिए।
इस मौके पर डॉक्टर इरा दत्ताने इस समय के सबसे महत्वपूर्ण विषय डिप्रेशन और वेलनेस पर बात करते हुए कहा कि कोविड महामारी के संकट काल में ये सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस विषय पर विस्तार देते हुए बताया कि महामारी के चलते बहुत से लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन चरित्र की कमजोरी नहीं बल्कि एक रासायनिक असंतुलन है जो गलत जीवनशैली गलत आदतों पारिवारिक समस्याओं की वजह से होता है और इसका सामना इसके शिकार व्यक्तियों को करना पड़ता है। उन्होंने सुझाया कि डिप्रेशन की समस्या का हल मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखकर किया जा सकता है जिसके लिए योग संतुलित जीवनशैलीए नई चीजों को सीखनेए सामाजिकता के साथ ही एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीने के लिए योजनाओं और प्राथमिकताओं का पता होना बहुत जरुरी है।
हठयोग के विशेषज्ञ मोहित दहिया ने इस दौरान विभिन्न योगासन का प्रदर्शन किया जिनका अपने घर के सुरक्षित और आरामदायक माहौल में बैठकर प्रतिभागियों ने भी अनुसरण किया। उन्होंने कहा कि योग प्राचीन काल से ही भारत में मौजूद रहा है और ये मन मस्तिष्क शरीर और आत्मा को प्रकाशित रखता है। सर्वश्रेष्ठ योगासन करने वाले प्रतिभागियों को कई श्रेणियों में सर्टिफिकेट भी दिए गये हैं इनमें मोस्ट फ्लैक्सिबल बॉडी मोस्ट फिट बॉडीए यंगेस्ट योगी एल्डर्ली योगी जैसी श्रेणियां शामिल हैं। एल्डर्ली योगी श्रेणी का पुरस्कार राजकुमार मल्होत्रा वाइस चेयरमैन ईपीसीएच को प्रदान किया गया।